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शिक्षा पाठ का सारांश

शिक्षा पाठ लेखक परिचय

  • लेखक – जे . कृष्णमूर्ति (जिद्दू कृष्णमूर्ति)

  • जन्म – 12,मई, 1895

  • निधन – 17,फरवरी, 1986

  • जन्म स्थान – तमिलनाडु

जे कृष्णमूर्ति की रचनाएँ

  1. शिक्षा और संवाद
  2. शिक्षा और जीवन का तात्पर्य
  3. शिक्षा केन्द्रों के नाम पत्र
  4. सीखने की कला
  5. ध्यान
  6. विज्ञान एवं सृजनशीलता
  7. स्कूलों के नाम पत्र
  8. परम्परा जिसने अपनी आत्मा खो दी
  9. प्रेम
  10. ध्यान में मन
  • साहित्य में – सार्वजनिक वार्ताएं, प्रश्नोत्तर, परिचर्चाएं, साक्षात्कार, परस्पर संवाद, डायरी और उनका खुद का लेखन शामिल है जो कि अब तक 75 से अधिक पुस्तकों और 700 से अधिक ऑडियो और 1200 से अधिक वीडियो कैसेट्स सीडी के रूप में उपलब्ध है।

शिक्षा पाठ का सारांश लिखिए

जे . कृष्णमूर्ति मानते हैं कि शिक्षा मनुष्य का उन्नयन करती है । वह जीवन के सत्य , जीवन जीने के तरीके में मदद करती है । इस संदर्भ में तर्क देते हुए वे बताते हैं कि शिक्षक हों या विद्यार्थी उन्हें यह पूछना आवश्यक नहीं कि वे क्यों शिक्षित हो रहे हैं क्योंकि जीवन विलक्षण है । ये पक्षी, ये फूल, ये वैभवशाली वृक्ष, यह आसमान , ये सितारे, ये मत्स्य यह सब हमारा जीवन है । जीवन समुदायों , जातियों और देशों का पारस्परिक सतत् संघर्ष है, जीवन ध्यान है, जीवन धर्म भी है । जीवन गूढ़ है, जीवन मन की प्रच्छन्न वस्तुएँ- वासनाएँ , भय, सफलताएँ, चिंताएँ । शिक्षा इन सबका अनावरण करती है । शिक्षा का कार्य है कि वह संपूर्ण जीवन प्रक्रिया को समझने में हमारी सहायता करे , न कि हमें केवल कुछ व्यवसाय या ऊँची नौकरी के योग्य बनाएँ । कृष्णमूर्ति कहते हैं कि हमें बचपन से ही ऐसे वातावरण में रहना चाहिए जहाँ भय का वास न हो नहीं तो व्यक्ति जीवन भर के लिए कुंठित हो जाता है । उसकी महत्वाकांक्षाएँ दब कर रह जाती है । मेधाशक्ति दब जाती है । मेधा शक्ति के बारे में कहते हैं कि मेधा वह शक्ति है जिससे आप भय और सिद्धांतों की अनुपस्थिति में आप स्वतंत्रता से सोचते हैं ताकि आप सत्य की , वास्तविकता की अपने लिए खोज कर सकें । पूरा विश्व इस भय से सहमा हुआ है । चूँकि यह दुनिया वकीलों , सिपाहियों और सैनिकों की दुनिया है । यहाँ प्रत्येक मनुष्य किसी न किसी के विरोध में खड़ा है । किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँचने के लिए प्रतिष्ठा सम्मान शक्ति व आराम के लिए संघर्ष कर रहा है । अत : निर्विवाद रूप से शिक्षा का कार्य यह है कि वह इस आंतरिक और बाह्य भय का अंत करे ।

शिक्षा पाठ से आपके परीक्षा में आने वाले प्रश्न

  1. शिक्षा पाठ का सारांश लिखें।
  2. शिक्षा पाठ के लेखक कौन हैं ?
  3. जे . कृष्णमूर्ति का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
  4. शिक्षा पाठ की विशेषताएँ

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