Hindi 100 Marks Bseb

रोज पाठ का सारांश

रोज पाठ लेखक परिचय

लेखक – सचिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन (अज्ञेय)

जन्म – 7 मार्च, 1911

निधन – 4 अप्रैल, 1987

जन्म स्थान – कुशीनगर, उत्तर प्रदेश

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' की रचनाएँ

  • प्रमुख काव्य – प्रणभंग ( 1929 ) रेणुका ( 1935 ) हुंकार ( 1938 ) , रसवंती ( 1940 ) कुरुक्षेत्र ( 1946 ) रश्मीरथी ( 1952 ) नीलकुसुम ( 1954 ) उर्वशी ( 1961 )

  • प्रमुख गद्य – मिट्टी की ओर ( 1946 ) संस्कृति के चार अध्याय ( 1956 ) काव्य की भूमिका ( 1958 )

रोज पाठ का सारांश लिखिए

‘रोज’ कथा साहित्य में क्रान्तिकारी परिवर्तन के प्रणेता महान् कथाकार सचिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन “अज्ञेय” की सर्वाधिक चर्चित कहानी है। प्रस्तुत कहानी में संबंधों की वास्तविकता पर बात किया गया है।

लेखक अपने दूर के रिश्ते की बहन मालती जिसे सखी कहना उचित है, से मिलने अठारह मील पैदल चलकर पहुँचते हैं। मालती और लेखक का जीवन इकट्ठे खेलने, पिटने और पढ़ने में बीता था। आज मालती विवाहिता है। एक बच्चे की माँ भी है । वार्तालाप के क्रम में आए उतार – चढ़ाव में लेखक अनुभव करता है कि मालती की आँखों में विचित्र – सा भाव है। मानो वह भीतर कहीं कुछ चेष्टा कर रही हो, किसी बीती बात को याद करने की, किसी बिखरे हुए वायुमंडल को पुनः जगाकर गतिमान करने की, किसी टूटे हुए व्यवहार तंतु को पुनर्जीवित करने की। मालती रोज कोल्हू के बैल की तरह व्यस्त रहती है।

पूरे दिन काम करना, बच्चे की देखभाल करना और पति का इंतजार करना इतने में ही मानों उसका जीवन सिमट गया है। वातावरण, परिस्थिति और उसके प्रभाव में ढलते हुए एक गृहिणी के चरित्र का मनोवैज्ञानिक उद्घाटन अत्यंत कलात्मक रीति से लेखक यहाँ प्रस्तुत करते हैं। डॉक्टर पति के काम पर चले जाने के बाद का सारा समय मालती को घर में अकेले काटना होता है। उसका दुर्बल, बीमार और चिड़चिड़ा पुत्र हमेशा सोता रहता है या रोता रहता है। मालती उसकी देखभाल करती हुई सुबह से रात ग्यारह बजे तक घर के कार्यों में अपने को व्यस्त रखती है। उसका जीवन ऊब और उदासी के बीच यंत्रवत चल रहा है। किसी तरह के मनोविनोद, उल्लास उसके जीवन में नहीं रह गए हैं। जैसे वह अपने जीवन का भार ढोने में ही घुल रही हो। इस प्रकार लेखक मध्यवर्गीय भारतीय समाज में घरेलू स्त्री के जीवन और मनोदशा पर सहानुभूतिपूर्ण मानवीय दृष्टि केन्द्रित करते हैं। कहानी के गर्भ में अनेक सामाजिक प्रश्न विचारोत्तेजक रूप में पैदा होते हैं।

रोज पाठ से आपके परीक्षा में आने वाले प्रश्न

  1. रोज पाठ का सारांश लिखिए
  2. रोज पाठ के लेखक कौन हैं ?
  3. सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ का जन्म कब और कहा हुआ था ?
  4. रोज शीर्षक पाठ का सारांश लिखिए
  5. रोज का किस विधा से संबंध है

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, sachidanand hiranand vatsyayan agay, roj path ka saransh, रोज कहानी का ऑब्जेक्टिव, रोज कहानी के लेखक कौन है, रोज कहानी का सारांश लेखन, roj kahani ka saransh, bihar board hindi 100 marks, 12th hindi 100 marks, hindi 100 marks class 12, roj path ka sarnsh in hindi, science sangrah official website, रोज शीर्षक कहानी का सारांश लिखें या चित्रण करें, हिन्दी 100 मार्क्स, बिहार बोर्ड हिन्दी 100 मार्क्स रोज पाठ का सारांश, हिन्दी 100 मार्क्स पाठ 5 सारांश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *