गतिमान आवेश और चुम्बकत्व
- चुम्बकीय बल क्षेत्र का I. मात्रक होता है
(A) वेबर
(B) टेसला
(C) गाँस
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans:- (B) टेसला
- किसी ऊर्ध्वाधर तार में विद्युत धारा का प्रवाह नीचे से ऊपर की ओर हो रहा है। यदि किसी इलेक्ट्रॉन पुंज को क्षैतिजत: तार की ओर भेजा जाय तो उसमें विक्षेप होगा
(A) दाहिनी तरफ
(B) ऊपर की ओर
(C) नीचे की ओर
(D) बायीं तरफ
Ans:- (B) ऊपर की ओर
- जब किसी आमीटर को शंट किया जाता है तो इसकी सीमा क्षेत्र –
(A) बढ़ती है
(B) घटती है
(C) स्थिर होती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans:- (A) बढ़ती है
- विद्युत् धारा के चुम्बकीय प्रभाव की खोज की थी
(A) ऐम्पियर ने
(B) ऑस्ट्रेड ने
(C) फ्लेमिंग ने
(D) फैराडे ने
Ans:- (B) ऑस्ट्रेड ने
- त्वरित आवेश उत्पन्न करती है
(A) अल्फा किरणें
(B) गामा किरणें
(C) बीटा किरणें
(D) विद्युत चुम्बकीय तरंग
Ans:- (D) विद्युत चुम्बकीय तरंग
- 30°C पर आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। उसका पथ हो जाता है
(A) वृत्ताकार
(B) हेलिकल
(C) दीर्घवृत्तीय
(D) सीधी रेखा
Ans:- (B) हेलिकल
- एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है
(A) सीधे धारावाही तार से
(B) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसके केन्द्र पर
(C) वृत्तीय लूप में धारा के प्रवाह से उसकी अक्ष पर
(D) परिनालिका में धारा के प्रवाह से उसके भीतर
Ans:- (D) परिनालिका में धारा के प्रवाह से उसके भीतर
- लॉरेन्ज बल की दिशा ज्ञात करने का नियम है
(A) फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम
(B) फ्लेमिंग का दाएँ हाथ का नियम
(C) मैक्सवेल का दाएँ हाथ का कार्क-स्क्रू नियम
(D) ऐम्पियर का तैरने का नियम
Ans:- (A) फ्लेमिंग का बाएँ हाथ का नियम
- एक तार में विद्युत् धारा पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित हो रही है जो कि उत्तर की ओर दिष्ट चुम्बकीय क्षेत्र में रखा है तो तार पर कार्यशील बल की दिशा होगी
(A) पूर्व की ओर
(B) पश्चिम की ओर
(C) ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर
(D) ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर
Ans:- (D) ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर
- एक गैलवेनोमीटर को आमीटर में बदलने के लिए जोड़ा जाता है
(A) समानांतर में निम्न प्रतिरोध
(B) श्रेणी में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
Ans:- (A) समानांतर में निम्न प्रतिरोध
- धारावाही वृत्तीय कुंडली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र रहता है
(A) कुण्डली के तल में
(B) कुण्डली के तल के लम्बवत्
(C) कुण्डली के तल से 45° पर
(D) कुण्डली के तल से 180° पर
Ans:- (B) कुण्डली के तल के लम्बवत्
- एक गैलवेनोमीटर को वोल्टमीटर में परिवर्तित किया जा सकता है
(A) समानांतर में उच्च प्रतिरोध
(B) श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध
(C) श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध
(D) समानांतर क्रम में उच्च प्रतिरोध
Ans:- (B) श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध
- एक वोल्टमीटर को आमीटर में बदला जा सकता है-
(A) इसके समानांतर में उच्च प्रतिरोध को जोड़कर
(B) इसके श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध को जोडकर
(C) इसके समानांतर क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोडकर
(D) इसके श्रेणी क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोड़कर
Ans:- (C) इसके समानांतर क्रम में निम्न प्रतिरोध को जोडकर
- एक लौहचुंबकीय पदार्थ की चुंबकशीलता(u) होती है
(A) u > 1
(B) u < 1
(C) u = 0
(D) u = 1
Ans:- (A) u > 1
- जब ऐमीटर को शंट किया जाता है तो इसकी माप सीमा क्या होती है?
(A) बढ़ती है
(B) घट जाती हैं
(C) अपरिवर्तित रहती है
(D) कोई नहीं
Ans:- (A) बढ़ती है
- लौहचुंबक की चुंबकशीलता निर्भर करती है :
(A) चुंबकीय क्षेत्र से स्वतंत्र है
(B) चुंबकीय क्षेत्र के समानुपाती है
(C) चुंबकीय क्षेत्र पर निर्भर करती है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans:- (C) चुंबकीय क्षेत्र पर निर्भर करती है
- चुंबकीय क्षेत्र की वीमा क्या होती हैं?
(A) I-0MLT-2
(B) I-1ML0T –2
(C) I-1ML0T -1
(D) None
Ans:- (B) I-1ML0T –2
- निकेल है :
(A) प्रतिचुंबकीय
(B) अनुचुंबकीय
(C) लौहचुंबकीय
(D) कोई नहीं
Ans:- (C) लौहचुंबकीय
- चुंबकीय फ्लक्स की I. इकाई होती है :
(A) वेबर
(B) ओम
(C) टेसला
(D) None
Ans:- (A) वेबर
- समरूप वेग से चलायमान आवेश उत्पन्न करता है:
(A) केवल विद्युतीय क्षेत्र
(B) केवल चुंबकीय क्षेत्र
(C) विद्युत चुंबकीय क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans:- (C) विद्युत चुंबकीय क्षेत्र
- चुंबक के ज्यामितीय लंबाई (Lg ) तथा चुंबक की लंबाई (Lm ) में संबंध होता है
(A) Lm = 5/6 Lg
(B) Lm = 6/5 Lg
(C) Lm = Lg
(D) Lm = 2 Lg
Ans:- (A) Lm = 5/6 Lg
- जब चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता को चौगुना बढ़ा दिया जाता है, तो वह लटकती हुई चुंबकीय सुई का आवर्तकाल होगा-
(A) दुगुना
(B) आधा
(C) चौगुना
(D) None
Ans:- (B) आधा
- चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण एक सदिश राशि है, जो निर्दिष्ट होते हैं
(A) उत्तर से दक्षिण ध्रुव
(B) पूर्व से पश्चिम दिशा
(C) पश्चिम से पूरब दिशा
(D) दक्षिण से उत्तर ध्रुव
Ans:- (D) दक्षिण से उत्तर ध्रुव
- n समान फेरों वाले तथा त्रिज्या r की एक वृताकार धारावाहि कुंडली में धारा I स्थापित है तो इसके केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का मान होता है :
(A) u०ni
(B) u०nl/2r
(C) u०nl/4π.
(D) None
Ans:- (A) u०ni
- टेसला इकाई होती है
(A) विद्युत फ्लक्स की
(B) चुंबकीय फ्लक्स की
(C) चुंबकीय फ्लक्स घनत्व
(D) विद्युतीय क्षेत्र की
Ans:- (C) चुंबकीय फ्लक्स घनत्व