Math Class 12

12th Math Chapter 1 Subjective in Hindi

सम्बन्ध एवं फलन Subjective

प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए कि वास्तविक संख्याओं के समुच्चय R में R = { (a, b) : a ≤ b2}, द्वारा परिभाषित सम्बन्ध R, न तो स्वतुल्य है, न सममित है और न ही संक्रामक है।

उत्तर :

माना A = वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है और R = { (a, b) : a ≤ b2}

  1. R स्वतुल्य नहीं है, क्योंकि ,, से कम नहीं है।
  2. R सममित नहीं है, क्योंकि a ≤ b2तो b, a2 से कम या बराबर नहीं है, जैसे -2 < 52 परन्तु  5, 22 से कम नहीं है।
  3. R संक्रामक नहीं है, माना a = 2, b = -2 और c = -1 तब 2 < (-2)2, -2 < (-1)2परन्तु  2, (-1)2 से कम नहीं है।

अत:
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक नहीं है।

प्रश्न 2. जाँच कीजिए कि क्या समुच्चय{ 1, 2, 3, 4, 5, 6 } में R = { (a, b) : b = a + 1} द्वारा परिभाषित सम्बन्ध R स्वतुल्य, सममित या संक्रामक है।
उत्तर :
दिया है, A = {1, 2, 3, 4, 5, 6} तथा R = { a, b ) : b = a + 1}

  1. R स्वतुल्य नहीं है, क्योंकि a, a + 1 के बराबर नहीं हो सकता।
    माना 4 = 1, 1, (1 + 1) = 2 के बराबर नहीं हो सकता।
  2. R सममित नहीं है, क्योंकि b = a + 1
    तब a ≠ b + 1 यदि b = 1 + 1 = 2, 1 ≠ 2 + 1
  3. R संक्रामक नहीं है, क्योंकि b = a + 1, c = b + 1
    तो c ≠ a + 1 यदि b = 1 + 1 = 2 तथा c = 2 + 1 = 3 तो 3 ≠ 1 + 1

अत:
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक नहीं है।

प्रश्न 3. सिद्ध कीजिए कि R में R = { (a, b) : a ≤ b}, द्वारा परिभाषित सम्बन्ध R स्वतुल्य तथा संक्रामक है किन्तु सममित नहीं है।
उत्तर :
माना R कोई वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है तथा R = { (a, b):a≤b}

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि a ≤ a ⇒ a = a
  2. R सममित नहीं है, क्योंकि a, b से कम है तब b, a से कम नहीं है।
    यदि 1, 2 से कम है तब 2, 1 से कम नहीं हो सकती।
  3. R संक्रामक है, क्योंकिa ≤ b और b ≤ c तब a ≤ b

अत:
1, 2 व 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य और संक्रामक है परन्तु सममित नहीं है।

प्रश्न 4. सिद्ध कीजिए कि समुच्चय {1,2,3} में R = { (1,2), (2,1) } द्वारा प्रदत्त सम्बन्ध R सममित है किन्तु न तो स्वतुल्य है और न संक्रामक है।
उत्तर :
दिया है, A = {1, 2, 3} तथा R = { (1, 2), (2, 1) }

  1. R स्वतुल्य नहीं है, क्योंकि (1, 1), (2, 2), (3, 3) ∉ R
  2. R सममित है, क्योंकि (1, 2) ∈ R और (2, 1) ∈ R
  3. R संक्रामक नहीं है, क्योंकि R में केवल 2 ही अवयव हैं, जबकि संक्रामक होने के लिए तीन अवयव का होना आवश्यक हैं।

अत:
1, 2 व 3 से स्पष्ट है कि R न तो स्वतुल्य है और न ही संक्रामक है परन्तु R सममित है। इति सिद्धम्

प्रश्न 5. सिद्ध कीजिए कि किसी कॉलेज के पुस्तकालय की समस्त पुस्तकों के समुच्चय A में R = { (x, y) : x तथा y में पेजों की संख्या समान है } द्वारा प्रदत्त सम्बन्ध R एक तुल्यता सम्बन्ध
उत्तर :
दिया है, A किसी कॉलेज के पुस्तकालय की समस्त पुस्तकों का समुच्चय है। तथा R = { (x, y) : x तथा y में पेजों की संख्या समान है }

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि बराबर पृष्ठों वाली प्रत्येक पुस्तक में पृष्ठों की संख्या बराबर होगी।
  2. R सममित है, क्योंकि x, y पुस्तकों में पृष्ठ बराबर है तो y, x पुस्तकों में भी पृष्ठ बराबर होगे।
  3. R संक्रामक है, क्योंकि x, y तथा y, z पुस्तकों में पृष्ठ बराबर हैं तो x, z पुस्तकों में भी पृष्ठ बराबर होंगे।

अत:
1, 2 व 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है। इसलिए R तुल्यता सम्बन्ध है।

प्रश्न 6. सिद्ध कीजिए कि A = {1, 2, 3, 4, 5} में, R = { (a, b) :|a – b| सम है } द्वारा प्रदत्त सम्बन्ध R एक तुल्यता सम्बन्ध है। प्रमाणित कीजिए कि {1, 3, 5} के सभी अवयव एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं और समुच्चय {2, 4} के सभी अवयव एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं परन्तु {1, 3 ,5} का कोई भी अवयव {2, 4} के किसी अवयव से सम्बन्धित नहीं है।
उत्तर :
दिया है, A = {1, 2, 3, 4, 5} तथा R = { (a, b) : |a – b| एक सम संख्या } = { (1, 3), (1, 5), (2, 4), (3, 5)}
(a) तुल्यता सम्बन्ध सिद्ध करने के लिए प्रश्नावली 1 (A) के प्रश्न 10 का हल देखें।
(b) समुच्चय {1, 3, 5} में |1 -3|, |1 -5|, |3 -5| सभी सम संख्याएँ हैं। सभी अवयव एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं। समुच्चय {2, 4} में |2 -4| एक सम संख्या है।
अतः
इसमें अवयव एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं। परन्तु {1, 3, 5}, {2, 4} के अवयव आपस में सम्बन्धित नहीं हैं|1 -2|, |3 -4|, |3 -5|| सम संख्याएँ नहीं हैं। 

प्रश्न 7. सिद्ध कीजिए कि समुच्चय A = { x z : 0 ≤ x ≤ 12 }, में दिए गए निम्नलिखित सम्बन्धों R में से प्रत्येक एक तुल्यता सम्बन्ध है :
(i) R = { (a, b) : |a – b|, 4
का एक गुणज है},
(ii) R = { (a, b) : a = b},
प्रत्येक दशा में 1 से सम्बन्धित अवयवों को ज्ञात कीजिए।
उत्तर :
दिया है,  A = {x ∈ z : 0≤ x ≤ 12} = {0, 1, 2, 3, 4, ….., 12}
(i)
R = { (a, b) : |a – b|, 4 का एक गुणज है } ,
= { (1, 5), (1, 9), (2, 6), (2, 10), (3, 7), 3, 11),(4, 8) (4, 12), (5, 9), (6, 10), (7, 11), (8, 12),(0, 4), (0, 8), (0, 12), (0, 0), (1, 1), (2, 2), (3, 3), …, (12, 12)}

  1. R स्वतुल्य है, यदि a – b= 4k ⇒ k = 0
  2. R सममित है, यदि |a – b| =|b – a| = 4k
  3. R संक्रामक है, यदि a – b, 4 का गुणज है तथा b – c, 4 का गुणज है। तो a – b + b – c = |a – c| भी 4 का एक गुणज होगा।

अत:
1, 2 व 3 से स्पष्ट है कि R, स्वतुल्य, सममित तथा स्वतुल्य है।
अत:
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
1 से सम्बन्धित अवयव = {1, 5, 9}

(ii)
R = { (a, b) : a = b} ∴ R = { (0, 0), (1, 1), (2, 2), (3, 3),…. (12, 12) }

  1. 4 = 1 = (a, a) = R
    ∴R स्वतुल्य है।
  2. R सममित है, यदि 4 = b = b = d
  3. R संक्रामक है, यदि 1 = b,
    b = c ⇒ a = c अर्थात a, b, c तीनों बराबर हैं।

अत:
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है।
अंतः
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
1 से सम्बन्धित अवयव = { 1 }

प्रश्न 8. ऐसे सम्बन्ध का उदाहरण दीजिए, जो
(i) 
सममित हो परन्तु न तो स्वतुल्य हो और न संक्रामक हो।
(ii) 
संक्रामक हो परन्तु न तो स्वतुल्य हो और न सममित हो।
(iii) 
स्वतुल्य तथा सममित हो किन्तु संक्रामक न हो।
(iv) 
स्वतुल्य तथा संक्रामक हो किन्तु सममित न हो।
(v) 
सममित तथा संक्रामक हो किन्तु स्वतुल्य न हो।
उत्तर :
(i)
माना A एक समतल में सरल रेखाओं का समुच्चय है तथा R = { (a, b) : a, b पर लम्ब है }

  1. रेखा a, b पर लम्ब है तो b रेखा a पर लम्ब है।
    ∴ R सममित सम्बन्ध है।
  2. R स्वतुल्य नहीं है, क्योंकि रेखा a अपने आप पर ही लम्ब नहीं हो सकती है।
  3. R संक्रामक नहीं है, यदि a रेखा b पर लम्ब है, b रेखा c पर लम्ब है तो a रेखा c पर लम्ब नहीं

(ii)
माना A एक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय है। तथा R = { (a, b) : a > b}

  1. R संक्रामक है, यदि a > b और b > c = a > c
  2. R स्वतुल्य नहीं है, a अपने आप से बड़ी संख्या नहीं है।
  3. R सममित नहीं है, यदि a > b तो b, a से बड़ा नहीं है।

(iii)
माना A = {1, 2, 3} तथा R = { (1, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 2), (2, 1), (2, 3), (3, 2) }
समतुल्य व सममित है। परन्तु संक्रामक नहीं है क्योंकि (1, 2) ∈ R, (2, 3) ∈ R, परन्तु  (1, 3) ∉ R

(iv)
माना A = {1, 2, 3} तथा
R = { (a, b) : a ≤ b} = {(1, 1), (2, 2), (3, 3), (1, 2), (1, 3), (2, 3) }

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि (1, 1), (2, 2), (3, 3) ∈ R
  2. R संक्रामक है, क्योंकि (1, 2), (2, 3) ∈ R = (1, 3) ∈ R
  3. R सममित नहीं है, यदि a < b परन्तु b, a से कम नहीं है।

(v)
माना A = {1, 2, 3} तब R = { (1, 1), (2, 2), (1, 2), (2, 1)} सममित व संक्रामक है, ।
परन्तु स्वतुल्य नहीं हैं क्योकि (3, 3) ∉R

प्रश्न 9. सिद्ध कीजिए कि किसी समतल में स्थित बिन्दुओं के समुच्चय में  R : { ( P, Q : बिन्दु P की मूलबिन्दु से दूरी, बिन्दु Qकी मूलबिन्दु से दूरी के समान है} द्वारा प्रदत्त सम्बन्ध R एक तुल्यता सम्बन्ध है। पुनः सिद्ध कीजिए कि बिन्दु P ≠ (0, 0) से सम्बन्धित सभी बिन्दुओं का समुच्चय P से होकर जाने वाले एक ऐसे वृत्त को निरूपित करता है, जिसका केन्द्र मूलबिन्दु पर है।

उत्तर :
दिया है, A समतल में बिन्दुओं को समुच्चय है। तथा R = { ( P, Q) : मूलबिन्दु से P तथा Q की दूरी समान है }
= { (P, Q) : OP = OQ}

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि OP अपने ही बराबर है।
  2. R सममित है, यक्योंकि OP = OQ ⇒ OQ = OP
  3. R संक्रामक है, क्योंकि OP = OQ,
    OQ = QR ⇒ OP =QR

1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है।
अत:
R तुल्यता सम्बन्ध है। चूँकि o मूलबिन्दु है तथा P वृत्त की परिधि पर रहता है अर्थात् यदि OP = K ⇒ बिन्दु P एक वृत्त पर रहता है जो 0 से K दूरी पर है। अतः बिन्दु P ≠ (0, 0) से सम्बन्धित सभी बिन्दुओं का समुच्चय P से होकर जाने वाले एक ऐसे वृत्त को निरूपित करता है, जिसका केन्द्र मूलबिन्दु पर है। 

प्रश्न 10. सिद्ध कीजिए कि समस्त त्रिभुजों के समुच्चय A में, R = { (T1 T2) : T1 T2, के समरूप है} द्वारा परिभाषित सम्बन्ध R एक तुल्यता सम्बन्ध है। भुजाओं 3, 4, 5 वाले समकोण त्रिभुज T1 भुजाओं 5, 12, 13 वाले समकोण त्रिभुज T2, तथा भुजाओं 6, 8, 10 वाले समकोण त्रिभुज T3  पर विचार कीजिए। T1 T2 और T3  में से कौन-से त्रिभुज परस्पर सम्बन्धित हैं?

उत्तर : तुल्यता संबंध सिद्ध करने के लिए प्रश्नावली 1 (A) के प्रश्न 16 का हल देखें।

(i)
त्रिभुज , की भुजाएँ 3, 4, 5 हैं त्रिभुज T, की भुजाएँ 5, 12, 13 हैं तथा त्रिभुज T3 की भुजाएँ 6, 8, 10 हैं। चूँकि त्रिभुज  T1, की भुजाएँ 3, 4, 5, त्रिभुज T2, की भुजाओं 5, 12, 13 के समानुपाती नहीं है। इसी प्रकार त्रिभुज T2 , की भुजाएँ 5, 12, 13 त्रिभुज  T3 की भुजाओं 6, 8, 10 के समानुपाती नहीं है, इसलिए ये त्रिभुज समरूप त्रिभुज नहीं होंगे।
पुनः
त्रिभुज  T3 तथा  T3 की भुजाएँ समानुपाती हैं, इसलिए यह समरूप त्रिभुज है।
अत:
त्रिभुज  T1 तथा  Tआपस में सम्बन्धित है।

प्रश्न 11. सिद्ध कीजिए कि समस्त बहुभुजों के समुच्चय A में, R = { (p1, p2) : p1, तथा p}, की भुजाओं की संख्या समान है। प्रकार से परिभाषित सम्बन्ध R एक तुल्यता सम्बन्ध है। 3,4 और 5 लम्बाई की भुजाओं वाले समकोण त्रिभुज से सम्बन्धित समुच्चय A के सभी अवयवों का समुच्चय ज्ञात कीजिए।
उत्तर : दिया है, A समस्त बहुभुजों का समुच्चय है। तथा R = { (p1, p2) : p1, p2, की भुजाओं की संख्या बराबर है।
(i)

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि प्रत्येक बहुभुज की भुजाओं की संख्या स्वयं के समान होती है।
  2. R सममित है, यदि बहुभुज p1, p2, की भुजाएँ  n है तो बहुभुज pऔर p1,की भुजाएँ भी n ही होंगी।
  3. R संक्रामक है, यदि बहुभुज p1, p2 औरp2, p3 प्रत्येक की n भुजाएँ है तो p1 और p3 की भुजाएँ भी n ही होंगी।

अतः
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक हैं।
अतः
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।

(ii)
सभी त्रिभुजों का समुच्चय त्रिभुज T से सम्बन्धित है।

प्रश्न 12. मान लीजिए कि X Y – तल में स्थित समस्त रेखाओं का समुच्चय L है और L में R = { (L1,L2) : L1 समान्तर है L2 के } द्वारा परिभाषित सम्बन्ध R है। सिद्ध कीजिए कि R एक तुल्यता सम्बन्ध है। रेखा y = 2 x + 4 से सम्बन्धित समस्त रेखाओं का समुच्चय ज्ञात कीजिए।
उत्तर : दिया है, L किसी X Y- तल में स्थित समस्त रेखाओं का समुच्चय है।
तथा R = { (L1, L2) : L1 समान्तर है L2 के }
(i)

  1. R स्वतुल्य है, क्योंकि प्रत्येक रेखा अपने आप के समान्तर है।
  2. R सममित है, यदि Lरेखा, L2 के समान्तर है तो Lरेखा, Lके भी समान्तर होगी।
  3. R संक्रामक है, यदि L1, Lऔर  L2, Lसमान्तर रेखाएँ हैं तो L1और Lभी समान्तरे रेखाएँ होंगी।

अतः
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य, सममित तथा संक्रामक है।
अतः
R एक तुल्यता सम्बन्ध है।
इति सिद्धम्

(ii)
माना y = 2 x + c, जबकि c का मान कुछ भी हो सकता है।
अतः
y = 2 x +4 से सम्बन्धित रेखाओं का समुच्चय y = 2 x + c है।

प्रश्न 13. मान लीजिए कि समुच्चय {(1, 2, 3, 4)} में, R = { (1, 2), (2, 2), (1, 1), (4, 4), (1, 0, (3, 3), (3, 2)} द्वारा परिभाषित सम्बन्ध में है। निम्नलिखित में से सही उत्तर चुनिए।
(A) R
स्वतुल्य तथा सममित है किन्तु संक्रामक नहीं है।
(B) R
स्वतुल्य तथा संक्रामक है किन्तु सममित नहीं है।
(C) R
सममित तथा संक्रामक है किन्तु स्वतुल्य नहीं है।
(D) R
एक तुल्यता सम्बन्ध है।
उत्तर :
दिया है, A = {1, 2, 3, 4}
तथा R = { (1, 2), (2, 2), (1, 1), 4, 4), (1, 3), (3, 3), (3, 2) }

  1. R स्वतुल्य है, क्योकि (1, 1), (2, 2), (3, 3), (4, 4) ∈ R
  2. R सममित नहीं है, क्योंकि (1,2) ∈ R परन्तु (2,1) ∉ R
  3. R संक्रामक है, क्योंकि (1, 3) ∈ R,(3, 2) ∈ R = (1, 2) ∈ R

अत:
1, 2 तथा 3 से स्पष्ट है कि R स्वतुल्य तथा संक्रामक है परन्तु सममित नहीं है।
अत:
विकल्प (B) सही है।

प्रश्न 14. यदि प्राकृतिक संख्याओं के समुच्चय N में सम्क्न्ध में इस प्रकार है कि R = {(a, b) : a = b -2, b> 6} तो सही उत्तर चुनिए ।
(a) (2,4)
R,
(b) (3, 8)
R,
(c) (6, 8)
R
(d) (8, 7)
R
उत्तर :
6 = 8 – 2, तथा 8 > 6
∴ (6, 8) ∈ R
अत: विकल्प (c) सही है।

प्रश्न 15. सिद्ध कीजिए कि f ( x ) =| x | द्वारा प्रदत्त मापांक फलन f : R→ R, न तो एकैकी है। और न आच्छादक है, जहाँ | x | बराबर x , यदि x धन या शून्य है तथा| x | बराबर  – x, यदि x ऋण है।
उत्तर :
यहाँ f : R → R, जबकि f ( 3 ) = [x]
(a)
f (-1) = |- 1 | = 1, f(1) = |1| = 1
-1 और 1 का एक ही प्रतिबिम्ब है।
अत:
प्रान्त के दो भिन्न-भिन्न अवयवों -1 और 1 का परिसर R में एक ही f – प्रतिबिम्ब 1 है।
∵ प्रतिबिम्ब समान है।
इसलिए  f  एकैकी नहीं है।
(b)
सहप्रान्त की कोई भी ऋणात्मक संख्या प्रान्त के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
∴ f आच्छादक नहीं है।
अत:
f न तो एकैकी है और न ही आच्छादक है।

प्रश्न 16. मान लीजिए कि N में एक द्विआधारी संक्रिया *, a* b = a तथा b का L.C.M. द्वारा परिभाषित है। निम्नलिखित ज्ञात कीजिए।
(i) 5 * 7, 20 * 16
(ii) 
क्या संक्रिया * क्रमविनिमेय है?
(iii) 
क्या * साहचर्य है?
(iv) N
में * का तत्समक अवयव ज्ञात कीजिए।
(v) N
के कौन-से अवयव * संक्रिया के लिए व्युत्क्रमणीय हैं?
उत्तर :
प्रश्न में समुच्चय N = प्राकृत संख्याओं का समुच्चय में * संक्रिया, a * b = a, b का L.C.M. द्वारा परिभाषित है।
(i)
5 * 7 = 5 व 7 का L.C.M. = 35
20 * 16 = 20 वे 16 का L.C.M. = 80
∴ 5 * 7 = 35 , 20 *16 = 80

(ii)
a*b = a, b का  L.C.M.
b* a = b, a का  L.C.M.
∵ a * b तथा b* a का L.C.M. बराबर है।
इसलिए
⇒  a * b = b * a
∵ स्पष्ट है कि संक्रिया * क्रमविनिमेय द्विआधारी संक्रिया है।

(iii)
a * (b * c) = a * (b, c का L.C.M.)
= a, b, c का  L.C.M.
(a*b)* c = (a, b का L.C.M.) *C
= a, b, c का L.C.M.
∵ a* (b * c) तथा (a * b)* c के L.C.M. बराबर हैं।
⇒ (a * b)* c = a * (b* c)
∴ स्पष्ट है कि संक्रिया * साहचर्य द्विआधारी संक्रिया है।

(iv)
* संक्रिया का तत्समक अवयव 1 है।
1 * a = a * 1 = a

(v)
N * N → N, * संक्रिया का a * b = a, b का L.C.M. द्वारा परिभाषित किया गया है। यदि a = 1, b = 1, a * b = 1 अन्यथा नहीं
⇒ 1 * 1 =1
⇒ 1 के लिए व्युत्क्रमणीय है।

प्रश्न 17. बताइए कि क्या निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य हैं। औचित्य भी बतलाइए।
(i) 
समुच्चय N में किसी भी स्वेच्छ द्विआधारी संक्रिया * के लिए a * a = a, a N
(ii) 
यदि N में * किसी क्रमविनिमेय द्विआधारी संक्रिया है तो a* (b * c) = (c * b) * a
उत्तर :
प्रश्नानुसार, द्विआधारी संक्रिया समुच्चय N पर इस प्रकार परिभाषित की गयी है कि a * a = a, ∀ a ∈ N
(i)
यहाँ पर * संक्रिया में केवल एक ही अवयव का प्रयोग किया गया है।
अत :
स्पष्ट है कि यह कथन असत्य है।

(ii)
वास्तविक संख्याओं में समुच्चय पर संक्रिया * क्रमविनिमेय है।
b * c = c * b
∴ तथा (c * b) * a = (b * c) * a = a * (b * c)
∴ a* (b * c) = (c * b) * a
∴ यह कथन सत्य है।

प्रश्न 18. मान लीजिए कि A = {1, 2, 3}, B = {4, 5, 6, 7} तथाf = { (1, 4), (2, 5), (3, 6) } A से B तक एक फलन है। सिद्ध कीजिए कि f एकैकी है।

उत्तर :
दिया है, A ={1, 2, 3}, B = {4, 5, 6, 7}
f : A → B इस प्रकार है कि f = { (1, 4 ), ( 2, 5 ), ( 3, 6 ) } A के प्रत्येक अवयव का अलग-अलग प्रतिबिम्ब है। इसलिए  f  एकैकी है।
( इति सिद्धम् )

 

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