Biology Class 12

12th Biology Chapter 1 सब्जेक्टिव प्रश्न

जीवों में जनन Subjective

    1. जनन किसे कहते हैं?

    उत्तर वह क्रिया जिसमें जीव अपने समान जीव को उत्पन्न करता है, जनन कहलाती है।

    1. जनन कितने प्रकार का होता है?

    उत्तर

    लैंगिक जनन तथा

    अलैंगिक जनन।

    1. कृत्रिम कायिक प्रवर्धन की दो विधियों के नाम लिखिए।

    उत्तर

    कलम लगाना

    दाब कलम

    1. मोनोकार्पिक फलों की सोदाहरण परिभाषा दीजिए।

    उत्तर ये पौधे अपने जीवनकाल में केवल एक बार पुष्प धारण करते हैं तथा फल उत्पन्न करते हैं और फिर मृत हो जाते हैं। उदाहरण-गेहूँ, चावल, मूली तथा गाजर।

    1. अलैगिक जनन द्वारा उत्पन्न हुई सन्तति को क्लोन क्यों कहा गया है ?

    उत्तर आकारिकीय व आनुवंशिक रूप से एक समान जीव क्लोन (clone) कहलाते हैं। अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तति आनुवंशिक व आकारिकीय रूप से अपने जनक के एकदम समान होती है, अत: इसे क्लोन कहते हैं।

    1. लैगिक जनन के परिणामस्वरूप बनी सन्तति के जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं। क्यों ? क्या यह कथन हर समय सही होता है ?

    उत्तरलैंगिक जनन के दौरान गुणसूत्रों का विनिमय होने से आनुवंशिक विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। जो जनक से सन्तति में स्थानान्तरित होती हैं। युग्मकों की उत्पत्ति व निषेचन के कारण नये तथा बेहतर गुणों युक्त सन्तति का जन्म होता है। अत: लैंगिक जनन के परिणामस्वरूप उत्पन्न सन्तति के जीवित रहने के अच्छे अवसर होते हैं।

    यह कथन सदैव सही नहीं होता है। जनकों के रोगग्रस्त होने पर वह रोग आने वाली पीढ़ियों में स्थानान्तरित हो जाता है।

    1. अलैगिक जनन द्वारा बनी सन्तति लैगिक जनन द्वारा बनी सन्तति से किस प्रकार से भिन्न है?

    उत्तर अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तान आनुवंशिक व संरचनात्मक रूप से जनक के समान होती है अर्थात् अपने जनक का क्लोन (clone) होती है। इसके विपरीत लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न सन्तान आनुवंशिक रूप से जनक से भिन्न होती है।

    1. जीवों में अलैंगिक जनन के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

    उत्तर प्रजनन की वह विधि जिसमें दो जीवों अथवा जनन कोशिकाओं (Reproductive cells) का संयोग या संलयन (fusion) हुए बिना ही कोई जीव अपने ही समान जीवों को उत्पन्न कर देता है, अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction) कहलाती है। यह प्रजनन केवल निम्न श्रेणी के जीवों में पाया जाता है। इस प्रकार उत्पन्न सन्तानें (Offsprings) आकारिकीय रूप से (Morphologically) एवं आनुवंशिकीय रूप से (Genetically) मातृ जीव से समानता प्रदर्शित करती हैं। उदाहरण – द्वि विखण्डन, मुकुलन आदि।

    1. मुकुलन पर टिप्पणी लिखिए।

    उत्तर

    मुकुलन (Budding) – इस प्रकार का विभाजन यीस्ट (Yeast) एवं कुछ जीवाणुओं में पाया जाता है। इस प्रक्रिया में कोशिका में बाह्य वृद्धि होकर एक या एक-से-अधिक छोटी रचनाएँ बन जाती हैं तथा केन्द्रक सूत्री-विभाजन (mitosis) द्वारा (Lindgreen, 1949 के अनुसार) विभाजित होकर दो भागों में बँट जाता है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार केन्द्रक का यह विभाजन असूत्री विभाजन या अमाइटोसिस (amitosis) प्रकार का होता है। प्रत्येक मुकुल (bud) मातृ कोशिका से अलग होकर यीस्ट की नई कोशिका में परिवर्तित हो जाती है। इस क्रिया को मुकुलन (budding) कहते हैं। जब ये उर्द्ध रचनाएँ (outgrowths) अपनी मातृ-कोशिका से अलग नहीं होती तो श्रृंखला बनाती हैं, जिसे स्युडोमाइसीलियम कहते हैं। परन्तु अन्त में ये अलग हो जाती हैं।

    1. जीवों के लिए जनन क्यों अनिवार्य है?

    उत्तर जनन जीवों का एक अति महत्त्वपूर्ण लक्षण है। यह एक अति आवश्यक जैविक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा न सिर्फ जीवों की उत्तरजीविता में मदद मिलती है बल्कि इससे जीव-जाति की निरन्तरता भी बनी रहती है। जनन जीवों के अमरत्व में भी सहायक होता है। प्राकृतिक मृत्यु, वयता वे जीर्णता के कारण होने वाले जीव ह्रास की आपूर्ति, जनन द्वारा ही होती है। जनने से जीवों की संख्या बढ़ती है। जनन एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा लाभदायक विभिन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानान्तरित होती हैं। अत: जनन जैव विकास में भी सहायक होता है। इन समस्त कारणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जनन जीवों के लिए अनिवार्य है।

    1. राइबोसोम पर टिप्पणी लिखें।

    उत्तर राइबोसोम : राइबोसोम सजीव कोशिका के कोशिका द्रव में स्थित बहुत ही सूक्ष्म कण हैं। जिनकी प्रोटीनों के संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका है। ये आनुवंशिक पदार्थों के संकेतों को प्रोटीन श्रृंखला में परिवर्तित करते हैं। ये endoplasmic recticulum के ऊपरी सतह पर पाया जाता है। इसके अलावे ये mitochondria तथा chloroplast में मा पाया जाता है। Ribosome एक संदेशवाहक RNA के साथ जुड़ा रहता है जिसमें विशेष प्रोटीन के निर्माण के लिए आवश्यक अमीनों अम्ल को सही क्रमानुसार लगाने का संदेश रहता है। अमीनों अम्ल . संदेशवाहक RNA के साथ संलग्न रहता है। इस प्रकार Ribosome प्राटान संश्लेषण में मदद करता है। तथा Lipid के आपचयी क्रियाओं में भी सहायता करता है।

    1. कायिक प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं ? कोई दो उपयुक्त उदाहरण दो।

    उत्तर कायिक प्रवर्धन जनन की ऐसी विधि है जिसमें पौधे के शरीर का कोई भी कायिक भाग प्रवर्धक का कार्य करता है तथा नये पौधे में विकसित हो जाता है। मातृ पौधे के कायिक अंग; जैसे-जड़, तना, पत्ती, कलिका आदि से नये पौधे का पुनर्जनन, कायिक प्रवर्धन कहलाता है। कायिक प्रवर्धन के दो उदाहरण निम्न हैं –

    अजूबा (Bryophyllum) के पौधे में पत्तियों के किनारों से पादपकाय उत्पन्न होते हैं जो मातृ पौधे से अलग होकर नये पौधे को जन्म देते हैं।

    आलू के कन्द में उपस्थित पर्वसन्धियाँ (nodes) कायिक प्रवर्धन में सहायक होती हैं। पर्वसन्धियों में कलिकाएँ स्थित होती हैं तथा प्रत्येक कलिको नये पौधे को जन्म देती है।

    1. व्याख्या कीजिए –
      (क) किशोर चरण
      (ख) प्रजनक चरण
      (ग) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था।

    उत्तर

    (क) किशोर चरण (Juvenile phase) – सभी जीवधारी लैंगिक रूप से परिपक्व होने से पूर्व एक निश्चित अवस्था से होकर गुजरते हैं, इसके पश्चात् ही वे लैंगिक जनन कर सकते हैं। इस अवस्था को प्राणियों में किशोर चरण यो अवस्था तथा पौधों में कायिक अवस्था (vegetative phase) कहते हैं। इसकी अवधि विभिन्न जीवों में भिन्न-भिन्न होती है।

    (ख) प्रजनक चरण (Reproductive phase) – किशोरावस्था अथवा कायिक प्रावस्था के समाप्त होने पर प्रजनक चरण अथवा जनन प्रावस्था प्रारम्भ होती है। पौधों में इस अवस्था को स्पष्ट पहचाना जा सकता है। क्योंकि पौधों में पुष्पन (flowering) प्रारम्भ हो जाता है। प्राणियों में भी अनेक शारीरिकी एवं आकारिकी परिवर्तन आ जाते हैं। इस चरण में जीव संतति उत्पन्न करने
    योग्य हो जाता है। यह अवस्था विभिन्न जीवों में अलग-अलग होती है।

    (ग) जीर्णता चरण या जीर्णावस्था (Senescent phase) – यह जीवन चक्र की अन्तिम अवस्था अथवा तीसरी अवस्था होती है। प्रजनन आयु की समाप्ति को जीर्णता चरण या जीर्णावस्था की प्रारम्भिक अवस्था माना जा सकता है। इस चरण में उपापचय क्रियाएँ मन्द होने लगती हैं, ऊतकों का क्षय होने लगता है तथा शरीर के अंग धीरे-धीरे कार्य करना बन्द कर देते हैं और अन्ततः जीव की मृत्यु हो जाती है। इसे वृद्धावस्था भी कहते हैं।

    1. टिप्पणी लिखिए-ब्रायोफाइट्स में वर्षी प्रजनन।

    उत्तर ब्रायोफाइट्स के युग्मकोभिद् में अनेक प्रकार का वर्षी प्रजनन होता है। उदाहरणार्थ – विखण्डन, जेमा, कन्दे, पुंतन्तु, पत्र-प्रकलिका द्वारा। विखण्डन विधि में बहुकोशिकीय जनक पौधे का शरीर दो या दो से अधिक टुकड़ों में विखण्डित हो जाता है तथा प्रत्येक टुकड़ा पुनरुद्भवन द्वारा एक नई वयस्क सन्तति में विकसित हो जाता है। कभी-कभी पौधे की पत्ती व तने के अग्र भाग पर बहुकोशिकीय एवं हरे रंग की रचनाएँ निकलती हैं, जिन्हें जेम्यूल कहते हैं। ये अलग होकर अंकुरण द्वारा नये पौधे को जन्म देती हैं। पौधों के कन्द तथा पुंतन्तु भी नये पौधों को जन्म देते हैं। ब्रायोफाइट्स में पत्र-प्रकलिकाओं द्वारा भी वर्दी प्रजनन होता है। वे कलिकाएँ जिनमें खाद्य-पदार्थ संचित रहता है, पत्र-प्रकलिकाएँ कहलाती हैं। ये कलिकाएँ मातृ पौधे से टूटकर भूमि पर गिर जाती हैं। तथा अनुकूल मौसम में इनमें अपस्थानिक जड़े निकल आती हैं जो भूमि से जल एवं खनिज लवणों का अवशोषण करती हैं तथा प्रकलिकाएँ वृद्धि करके नवीन पौधे बनाती हैं।

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